अम्बेडकरनगर। देवरिया पंडित में श्री राम कथा सेवा समिति के तत्वावधान में आयोजित नव दिवसीय राम कथा के छठवें दिन राम कथा कहते हुए कथा व्यास अतुल कृष्ण भारद्वाज कहा कि मनुष्य के मन पर सर्वाधिक प्रभाव संगति का होता है, जैसी संगत वैसी रंगत, मंथरा के कुसंग का ही प्रभाव था कि माता कैकेई को पति की मृत्यु , राम वनवास का तो कलंक लगा ही जिस पुत्र के लिए राज्य मांग रही थी उस भारत ने जीवन में कैकई को मां नहीं कहा और न ही उनकी चौखट पर कदम रखा।
राजा परीक्षित सिर्फ अपने सिर पर जरासंध का मुकुट रखकर शिकार के लिए गए तो बुद्धि बिगड़ गई संत के गले में सांप डाल दिया और बुरा भला कहा परिणामस्वरूप श्राप मिल गया मरने का, जब धातु का कुसंग इतना अधिक प्रभाव कर सकता है तो मनुष्य का कुसंग कितना प्रभावकारी होगा ?
कथा के दौरान वन गमन तथा राम केवट संवाद के प्रसंग पर चर्चा करते हुए अतुल कृष्ण जी ने कहा कि आप अपने सद्गुणों व मन की विशालता से परमात्मा के निकट जा सकते हैं क्योंकि वह आपका मन ही देखते हैं, वह आपका धन जाति कुल व स्तर नहीं देखते। माता- पिता भाई- बहन, बंधु- बांधव जिनको भी आप सच्चा प्रेम करते हैं उनसे अपने सुख की अपेक्षा ना कर उनके सुख के लिए काम करें यही सच्चा प्रेम है।
श्री प्रकाश पांडे की अध्यक्षता तथा रमेश दुबे के संचालन में चल रही कथा के दौरान आर एस गौतम, बृजराज मिश्रा, पूर्व विधायक त्रिवेणी राम सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।