Sunday, November 24, 2024
HomeAyodhya/Ambedkar Nagarअम्बेडकर नगरपराजित को दिलायी विजेता की शपथ

पराजित को दिलायी विजेता की शपथ

अंबेडकर नगर । उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ शर्मा गुट के वार्षिक निर्वाचन में अध्यक्ष पद पर विजयी हुए डॉ. विजय वर्मा को चुनाव संपन्न होने के 12 दिन बाद सोशल मीडिया पर चुनाव अधिकारी द्वारा पराजित दिखाकर ,चुनाव में हारे हुये प्रत्याशी उमेश वर्मा को विजय का प्रमाण पत्र दिए जाने से जनपद के नवनिर्वाचित कार्यकारिणी के पदाधिकारियों व जनपद के सामान्य सदस्यों में जबरदस्त आक्रोश है। जिसका साफ- साफ असर शनिवार को पराजित उमेश वर्मा द्वारा आयोजित शपथ ग्रहण समारोह पर साफ तौर पर दिखाई दिया।

    दिलचस्प बात तो यह है कि अध्यक्ष पद पर हुए सामान्य निर्वाचन में पराजित उमेश वर्मा व उनके टीम द्वारा हर प्रयास किये जाने के बावजूद भी वे अपने साथ शपथ ग्रहण में नवनिर्वाचित जिला कार्यकारिणी के कुल 31 पदाधिकारियों में से दहाई का आंकड़ा भी नहीं जुटा सकें,जो चर्चा का विषय बना हुआ है। अलबत्ता शकुनि की भूमिका में स्वयम चुनाव अधिकारी उपस्थित तो रहे किन्तु बाद में खसक लिए। ध्यातव्य है कि चुनाव में विजयी अध्यक्ष प्रत्याशी डा.विजय वर्मा के समर्थन में और चुनाव अधिकारी के बेईमानी,हठधर्मिता,मनमानेपन एवं धूर्तता के विरोध में नवनिर्वाचित पदाधिकारियों व जिले के सामान्य शिक्षकों ने इस शपथ ग्रहण का पूर्ण बहिष्कार कर कार्यक्रम से दूरी बना लिया। इस बाबत शिक्षकों का कहना है कि यह धर्म-अधर्म,न्याय-अन्याय एवं सत्य- असत्य की लड़ाई है। इसलिए हम सभी धर्म,न्याय व सत्य की रक्षा के लिए चुनाव में जीते अध्यक्ष प्रत्याशी डा. विजय वर्मा के साथ खड़े है। शपथ ग्रहण का वहिष्कार करने वाले नवनिर्वाचित 31 पदाधिकारियों में प्रमुख रूप से जिला मंत्री श्रीप्रकाश त्रिपाठी , कोषाध्यक्ष दिनेश मिश्र,आय-व्यय निरीक्षक सभाजीत वर्मा, 6 में से 4 उपाध्यक्ष श्याम मोहन पटेल,सुशील कुमार मौर्य,ब्रहमज्योति मिश्र,अवनीश तिवारी, 6 में से 4 संयुक्तमंत्री  राजेंद्र कुमार,सुरेश तिवारी,सत्येंद्र मिश्र, ऊषा तिवारी, 15 कार्यकारिणी सदस्यों में कृष्ण कुमार तिवारी,जितेन्द्र कुमार, भोलानाथ,तीर्थराज वर्मा सहित लगभग 12 सदस्य शामिल रहें। साथ ही अन्य पदाधिकारियों सहित जनपद के सामान्य शिक्षको ने भी बहिष्कार कर अपना विरोध दर्ज कराया। शिक्षकों में इस बात को लेकर रोष है कि जब 50 मतों के एक बंडल गायब होने के आधार पर ही डा.विजय वर्मा को अध्यक्ष पद पर निर्वाचित होने के बाद भी तत्समय प्रमाण नहीं दिया गया और गायब बंडल की सूचना चुनाव अधिकारी ने थाने में स्वयं दी,तो उसके मिलने, न मिलने की जानकारी दिये बिना और प्रत्याशियों को सूचसूचित किये बिना 12 दिन बाद अचानक व्हाट्सएप पर हारे हुये हुये प्रत्याशी को जीत का प्रमाण पत्र देना शिक्षक राजनीति में एक कलंक है,जो बहुत  ही दुर्भाग्यपूर्ण एवं लोकतंत्र को कुचलने जैसा है।

शपथ ग्रहण का सबसे रोचक तथ्य यह रहा कि इस पूरे मामले के मुख्य आरोपी रहें निर्वाचन अधिकारी रामानुज तिवारी ने ही शपथ ग्रहण भी दिलाया, जिसे संघ के पूर्व जिलामंत्री और संघीय कानूनों के जानकार शिक्षाविद तथा शिक्षक प्रतिनिधि में पूर्णतया असंवैधानिक व विधिशून्य करार देते हुए बताया कि संघ के संविधान में निर्वाचन अधिकारी को किसी भी स्थिति में ओथ कमिश्नर नहीं बनना चाहिए। उदय राज मिश्र ने आरोप लगाया कि ऐसा कुछेक लोगों के दबाव व आर्थिक प्रलोभन के चलते किया गया प्रतीत होता है,जोकि शिक्षा जगत में स्वीकार्य नहीं है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments