अयोध्या। महान देशभक्त, स्वाभिमान एवं स्वाधीनता के प्रतीक,जननायक, वीर शिरोमणि राष्ट्रीय गौरव महाराणा प्रताप के निर्वाण दिवस पर अखिल भारतीय क्षत्रिय कल्याण परिषद ने गुप्तारघाट पर स्थापित महाराणा प्रताप जी की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किया। इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश कुमार सिंह ने महाराणा जी की जीवनी पर प्रकाश डालते हुये बताया कि महाराणा जी सम्पूर्ण भारतीयों के स्वाभिमान के प्रतीक हैं। राणा जी ने शक्तिशाली शासक के रूप में शासन करते हुई जनकल्याणकारी कार्य किया। उन्होनें देश का स्वाभिमान बचाने के लिए पूरा जीवन न्यौछावर कर दिया। उन्होंने मुगलों को नाको चने चबवाये और हर युद्ध मे मुगलों को पराजित किया। राणा जी ऐसे वीर थे जो हमेशा अपने साथ दो तलवारें रखते थे,अगर दुश्मन निहत्था हो तो एक तलवार उसको देकर युद्ध करते थे। राणा जी से अकबर हमेशा घबराता था। ऐतिहासिक साक्ष्यों से पता चलता है कि वह स्वयं कभी भी राणा जी से युद्ध करने नही आया। अकबर के सबसे खूंखार सिपहसालार को राणा जी ने तलवार के एक ही वार से घोड़े सहित आधा आधा काट दिया था जिससे पूरी मुगल सेना ही कांप उठी। जिलाध्यक्ष अम्बरीष सिंह ने बताया कि राणा जी ने भारतीयों के स्वाभिमान और स्वतंत्रता के लिये परिवार सहित घास की रोटियां खाईं लेकिन मुगलों की अधीनता स्वीकार नहीँ किये।अंततः अपने पराक्रम के बल पर मेवाड़ को मुगलों से स्वतंत्र कराया। अपने शासनकाल में उन्होंने कई जनकल्याणकारी कार्य भी किया।
इस अवसर पर सभी ने सरकार से मांग किया कि महाराणा जी की जीवनी को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाय,जिससे युवा पीढ़ी में राष्ट्रभक्ति की भावना विकसित हो।
कार्यक्रम में प्रदेश सचिव सूर्यभान सिंह,संगठन मंत्री पृथ्वीराज सिंह,नगर उपाध्यक्ष अनिल सिंह,मीडिया प्रभारी अमरदीप सिंह”रिंकू” आर.डी. सिंह,समर बहादुर सिंह, धर्मेन्द्र सिंह,जयप्रकाश सिंह प्रधान जोरियम,जिला मीडिया प्रभारी द्वारिकाधीश सिंह,अखिलेश सिंह,मदनविहारी सिंह सहित अन्य कई लोग उपस्थित रहे।