अयोध्या। मौनी अमावस्या के अवसर पर राम नगरी में आस्था का ज्वार उमड़ा। राम जन्मभूमि, कनक भवन, हनुमानगढ़ी आदि प्रमुख मंदिरों से जुड़े मार्गों सहित राम नगरी के अधिकांश मार्ग श्रद्धालुओं से पटे रहे। भोर से नगरी के हजारों मंदिरों और धर्मशाला में पूर्व संध्या से ही डेरा जमाए श्रद्धालुओं ने पुण्य सलिला सरयू की ओर रुख किया। तड़के से लेकर संपूर्ण प्रथम बेला तक सरयू से लगे प्रमुख मार्ग सहित विभिन्न मार्ग श्रद्धालुओं से पटे रहे।
यद्यपि भोर के कुछ घंटे को छोड़ मौसम अनुकूल रहा। किंतु सुबह कड़ाके की ठंड के बावजूद श्रद्धालु पूरे उत्साह से सरयू में डुबकी लगाते रहे और बगैर किसी हड़बड़ाहट के गोदान तथा अन्य प्रकार के दान सहित पूजन की परंपरा का निर्वहन करते रहे। अधिकांश श्रद्धालुओं ने सरयू स्नान के बाद पौराणिक महत्व की पीठ नागेश्वरनाथ में भगवान शिव का अभिषेक किया। नंगे पांव हाथों में जल लेकर श्रद्धालु दुश्वारियां और भीड़ के दबाव की चिंता किए बिना भोले बाबा का अभिषेक करते रहे। तो वही राम इलाके में पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि मौनी अमावस्या पूर्णता अंतर्मुखी होकर ईश्वर का स्मरण और दान पुण्य का पर्व है। रामलला के दर्शन मार्ग पर भी श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लगी रही।