अयोध्या। यश म्यूजिकल ट्रस्ट द्वारा संस्था के मुगलपुरा स्थित कार्यालय में संगीत बैठकी का आयोजन किया गया। संस्था की अध्यक्ष संगीता आहूजा ने बताया कि इसका उद्देश्य अयोध्या क्षेत्र की सभी वरिष्ठ और युवा कलाकारों को एकत्रित कर अपनी कला के उत्कृष्ट प्रदर्शन एवं अपनी संस्कृति और कला को विस्तृत करना है। संस्था की कोषाध्यक्ष सुर्मिष्ठा मित्रा ने बताया कि यह मासिक संगीत बैठकी का कार्यक्रम किया गया। जिसकी शुरुआत आज से हुई है और यह महीने के हर दूसरे किया जाए। इसका संचालन वरिष्ठ रामानंद सागर द्वारा और अध्यक्षता घनश्याम द्वारा की गई। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती माता के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलन करके की गई। रामानंद सागर द्वारा अवधी में एक सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई जिसके बोल थे मोरे अकिल नहीं मैया, मैं कैसे तोरी पूजा करू। वरुण कनौजिया द्वारा चौक पुराओ माटी रंगाओ गीत प्रस्तुत किया गया। उसके बाद कथक कला केंद्र के गुरुजी प्रचेता मिश्र द्वारा उनकी निर्देशित की हुई रघुनंदन जी की आरती हे सिया पति मैं करूं आरती तेरी प्रस्तुत की गई। इसके बाद सुधीर श्रीवास्तव जी द्वारा चांद आहें भरेगा, संगीता आहूजा एवं रामानंद सागर द्वारा किसी राह पर किसी मोड़ पर कहीं चल ना देना तू छोड़कर, रीता शर्मा द्वारा तेरा जाना दिल के अरमानों का लुट जाना, घनश्याम जी द्वारा बहारों फूल बरसाओ, निर्मल द्वारा चलो एक बार फिर से अजनबी बन जाए हम दोनों, विजय द्वारा तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार, वाहिद द्वारा पायोजी मैंने राम रतन धन पायो, नीलम जी द्वारा चांद सी महबूबा हो मेरी, बाल गोपाल द्वारा निमिया के डार मैया डाले ली झुलनवा, जमशेद जी द्वारा आज जाने की जिद ना करो, आदि गीत प्रस्तुत किए गए। इस अवसर पर संस्था की सदस्य मेनका सिंह एवं आशीष कौर ने विशेष योगदान दिया।