मिल्कीपुर, अयोध्या। साधन सहकारी समिति मिल्कीपुर पर पीसीएफ की ओर से संचालित सरकारी धान क्रय अचानक बंद कर दिए जाने के चलते डेढ़ दर्जन से अधिक किसानों द्वारा बेचे गए धान का पैसा फस गया है। जिसको लेकर अब कृषक तौल क्रय केंद्र का चक्कर लगाने को मजबूर हैं। सरकारी धान क्रय केंद्रों को संचालन की जिम्मेदारी निभा रहे। जिले के जिम्मेदार अधिकारियों की हठधर्मिता का दंश अब किसानों को झेलना पड़ रहा है।
बता दें कि सरकार की ओर से बीते 1 नवंबर से 28 फरवरी तक किसानों के धान क्रय किए जाने के निर्देश दिए गए थे। जिस क्रम में पीसीएस की ओर साधन सहकारी समिति मिल्कीपुर को सरकारी धान क्रय केंद्र बनाया गया था और 16 हजार कुंतल धान क्रय किए जाने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया था। जिसके सापेक्ष अब तक क्रय केंद्र पर 14 हजार 3 सौ 28 कुंतल धान क्षेत्रीय कृषकों के तौले जा चुके हैं। इधर क्रय केंद्र से जुड़े मसेढ़ा के कृषक अमरेश सिंह, अंजरौली के कृषक रामकरन सिंह व राम मनोहर, गोयड़ी के अमरजीत सिंह, निमड़ी के जितेंद्र सिंह एवं परसवां के कृषक छत्रसाल सिंह सहित लगभग डेढ़ दर्जन किसानों द्वारा अपने धान क्रय केंद्र पर बेचे गए किंतु उनके बैंक खाते एनपीसीआई न जुड़े होने के चलते केंद्र प्रभारी द्वारा उनके अंगूठे नहीं लगवाए जा सके थे। जिसके चलते उनका भुगतान अधर में लटक गया। केंद्र प्रभारी द्वारा इन कृषक ऊपर अपने बैंक खाते दुरुस्त कराए जाने के दबाव भी बनाए जाते रहे। इसी बीच बीते 25 जनवरी को क्रय केंद्र बंद कर दिया गया, जिसके चलते किसानों के धान के भुगतान का मामला फंस गया और किसान क्रय केंद्र का चक्कर काटने को विवश हो गए। क्रय केंद्र बंद किए जाने की जानकारी मिलने के बाद शुक्रवार को धान क्रय केंद्र पर दर्जनों की संख्या में किसान पहुंचे और केंद्र प्रभारी से खरीदे गए गए अपने धान का पैसा मांगने लगे जिसके बाद केंद्र प्रभारी के हाथ पांव फूल गए और उन्होंने ओम हरि ओम नाराज किसानों को शांत कराते हुए कहा कि आप लोगों के भुगतान की समस्या से विभागीय उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है जल्दी ही कोई ना कोई विकल्प निकल जाएगा और आप लोगों का भुगतान करा दिया जाएगा। उधर मामले के संबंध में खाद्य विपणन अधिकारी अयोध्या अजीत प्रताप सिंह शासन के निर्देश के बावजूद भी एक माह पहले क्रय केंद्र बंद किए जाने की बात पर चुप्पी साध गए और कहा कि मंडल में कई क्रय केंद्र बंद कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे किसान जिन्होंने धान बेंचा है और उन्हें भुगतान नहीं प्राप्त हुआ है, हम उनका सत्यापन कराएंगे अथवा पीड़ित कृषक केंद्र प्रभारी के माध्यम से हम तक अपना प्रत्यावेदन भेजवाएं। वहीं दूसरी ओर पीसीएफ के जिला प्रबंधक अनूप कुमार सोनी का कहना है कि केंद्र प्रभारी से वार्ता की है, ऐसे किसानों की सूची मांगी गई है। जल्द ही केंद्र प्रभारी हमें इन किसानों की सूची उपलब्ध करा देंगे और उनका भुगतान अभिलंब सुनिश्चित करा दिया जाएगा। वहीं दूसरी ओर केन्द्र प्रभारी मनोज कुमार सिंह का कहना है कि लगभग 1 दर्जन से अधिक किसानों द्वारा बेचे गए धान का भुगतान उनके बैंक खाते एनपीसीआई से लिंक न होने के चलते उनका अंगूठा नहीं लगवाया जा सका। फिलहाल उनके बकाया भुगतान के मामले में विभागीय उच्चाधिकारियों के निर्देश पर अग्रिम कार्यवाही शुरू कर दी गई है।