Saturday, November 23, 2024
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पाठ योजना के हिसाब से शिक्षण कार्य करें शिक्षक

अंबेडकर नगर। प्राथमिक शिक्षा किसी भी व्यक्ति, समाज और देश की बुनियाद को मजबूत या कमजोर करती है, इसीलिए गांधी जी ने बेसिक तालीम की बात कही थी। दुनिया के तमाम विकसित देशों में प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता को सबसे ज्यादा महत्व दिया जाता है। बेसिक शिक्षा में आमूल चूल परिवर्तन की मुहिम रंग ला रही है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्राइमरी स्कूलों की न सिर्फ दशा और दिशा बदलने का प्रयास किया जा रहा है बल्कि हाल के वर्षों में स्कूलों में संसाधनों और सुविधाओं में भी इजाफा हुआ है। प्राइमरी स्कूलों में आपरेशन कायाकल्प के तहत अंतर विभागीय समन्वय से मूलभूत सुविधाओं और संसाधनों से प्राइमरी स्कूलों की तस्वरी बदल गई है।
2019 में मिशन प्रेरणा के रूप में लर्निंग आउटकम आधारित शिक्षण प्रक्रिया को अपनाया गया है और सभी स्कूलों में शिक्षण के लिए एन.सी.ई.आर.टी. गणित किट, विज्ञान किट अधिगम पुस्तिका उपलब्ध कराई गई।प्राइमरी स्कूलों में बच्चों को तकनीकी से जोड़ने के लिए डिजिटल शिक्षा पर भी फोकस किया जा रहा है। साथ ही स्कूलों में स्मार्ट क्लास और रिमोट लर्निंग सिस्टम से भी पढ़ाई कराने पर विचार किया जा रहा है, ताकि शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित न हो और प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे भी कांवेंट स्कूलों के बच्चों को टक्कर दे सकें।
महानिदेशक ,स्कूल शिक्षा, उत्तर प्रदेश ,लखनऊ के निर्देश के क्रम में डायट प्राचार्य मनोज कुमार गिरि द्वारा किए जा रहे निरीक्षण के दौरान ऐसा देखा जा रहा है कि विद्यालयों में गणित किट अधिगम पुस्तिका विज्ञान किट टी. एल. एम. आदि का प्रयोग शिक्षकों द्वारा नहीं किया जा रहा है और बिना किसी पाठ योजना के ही शिक्षण कार्य किया जा रहा है। डायट प्राचार्य द्वारा मासिक समीक्षा बैठक में सभी को निर्देशित किया जाता रहा है कि बिना पाठ योजना के कोई भी शिक्षक शिक्षण कार्य नहीं करेगा एवं इससे पूर्व भी कई बार गणित एवं विज्ञान किट के प्रयोग के बारे में निर्देशित किया जा चुका है किंतु प्राचार्य द्वारा निरीक्षण के दौरान अधिकांश विद्यालयों में किसी भी शिक्षक के द्वारा इन सामग्रियों का प्रयोग करते हुए नहीं पाया गया । इस पर प्राचार्य द्वारा नाराजगी व्यक्त करते हुए सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को आदेशित किया है कि मंगलवार तक के संबंधित शिक्षा क्षेत्र के सभी विद्यालयों में शत-प्रतिशत उक्त का अनुपालन कराना सुनिश्चित करें व पाठ योजना व बच्चों हेतु दी गई शिक्षण सामग्री का प्रयोग करते हुए सभी शिक्षकों से फोटो मंगाए । इसके उपरांत इस बात का प्रमाण पत्र भी प्राचार्य डायट को प्रेषित करें कि सभी खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा शत-प्रतिशत विद्यालयों में इसका पालन कराया जा रहा है। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि निर्धारित समय के उपरांत यदि किसी विद्यालय में उक्त का अनुपालन नहीं दिखा संबंधित शिक्षक एवं संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी के विरुद्ध विवश होकर कार्यवाही की जाएगी।
प्राचार्य डायट ने बताया कि विद्यालयों के निरीक्षण के दौरान भयंकर लापरवाही सामने आई है यथा कहीं विद्यालयों के अभिलेखों में कमियां है तो कहीं कम उपस्थिति, तो कहीं सरकार की योजनाएं धूल फांक रही हैं। जनपद के अधिकांश विद्यालयों के निरीक्षण के क्रम में आ पाया गया कि बच्चों का अधिगम स्तर निम्न है। बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के बजाय केवल खानापूर्ति की जा रही है। समीक्षा बैठकों में खंड शिक्षा अधिकारी एवं प्राध्यापकों द्वारा यह आश्वासन दिया जाता रहता है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा रही हैं ।सवाल इस बात को लेकर भी है कि जनपद में कार्यरत खंड शिक्षा अधिकारी ,संबंधित ब्लॉकों के एकेडमिक रिसोर्स पर्सन, न्याय पंचायत स्तर पर संकुल शिक्षक आदि सभी को निरीक्षण के दौरान परिषदीय विद्यालयों में कोई कमी नहीं मिलती।

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