Saturday, November 23, 2024
HomeAyodhya/Ambedkar Nagarअयोध्यासाकेत शिक्षकों के ग्रुप में देश विरोधी व जातिगत द्वेष बढ़ाने वाली...

साकेत शिक्षकों के ग्रुप में देश विरोधी व जातिगत द्वेष बढ़ाने वाली चर्चा, जेएनयू बनाने का प्रयास

  • मां सीता, भारत सरकार व ब्राहमणों को लेकर वायरल चैट में है टिप्पणी

  • चैट को लेकर शिक्षकों में फैला आक्रोश, साकेत महाविद्यालय का माहौल खराब करने का प्रयास

अयोध्या । साकेत शिक्षक संवाद मंच नाम से बने गु्रप में देश विरोधी, धार्मिक व जातिगत द्वेष बढाने वाली चर्चा अब वायरल हो गयी है। ग्रुप के सदस्य व साकेत महाविद्यालय के शिक्षक डा वीके सिंह ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि शिक्षक का काम विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करना होता है न कि इस तरह की बातें करके उन्हें भ्रमित करना। इस तरह की चर्चा सामने आने से महाविद्यालय का शैक्षिक माहौल खराब होता है।

क्या है वायरल चैट में –

वायरल चैट में लेखक हरिमोहन झा को लेकर चर्चा है। इसमें कई विवादास्पद बातें कही गयी है। चैट में साकेत महाविद्यालय के दो शिक्षक डा अभिषेक दत्त त्रिपाठी व डा अनिल सिंह के द्वारा कही गयी वातें है। जिसमें डा अनिल सिंह के द्वारा चैट में जिस तरह की बातें कही गयी है वह समाज में नफरत के माहौल को और बढ़ाने का कार्य करेगी। डा अनिल सिंह की बात का डा अभिषेक दत्त त्रिपाठी ने जवाब भी दिया है। डा अनिल सिंह की दो बातें इसमें काफी विवादास्पद है। जिसमें एक में वह झा ब्राहमणें को कुकर्मी व मांस मछली खाने वाला बता रहे है इसके साथ में लेखक को साहित्य पुरस्कार मिलने की बात करते हुए कहते है भारत सरकार का सिर तन से जुदा करने की बात कह रहे है। पूरी वार्ता में ब्राहमणों को काफी कुछ बुरा भला कहा गया है।

क्या कहना है शिक्षकों का –

डा वीके सिंह व डा अभिषेक दत्त त्रिपाठी ने इस तरह की वार्ता को महाविद्यालय के शैक्षिक माहौल को बिगाड़ने का प्रयास बताया है। जिस ग्रुप में यह चर्चा हो रही है। उसमें महाविद्यालय के प्राचार्य भी जुड़े है। परन्तु अभी तक उनके द्वारा भी कोई कारवाई नहीं की गयी है। वहीं मामले की जानकारी खुफिया विभाग को दी गयी है। जिसमें विभाग प्रकरण को अधिकारियों के संज्ञान में लाने का प्रयास कर रहा है। डा अभिषेक दत्त त्रिपाठी का कहना है कि शिक्षको को राजनीति से दूर रहना चाहिए। किसी की आस्था पर चोट पहुंचाने वाली बातें नहीं कहनी चाहिए। चर्चा हमारें देश स्वर्णिम इतिहास व देश को विकास के रास्तें पर गतिशील करने की होनी चाहिए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments