ओपीडी समेत अन्य मेडिकल सेवाएं ठप, ओपीडी पर दिखा मेडिकल छात्रों का कब्जा
अम्बेडकर नगर। महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कालेज पिछले तीन महीने से प्राचार्य और छात्रों के बीच तनातनी जारी है। इस रस्साकसी का खामियाजा आम जनमानस को उठाना पड़ रहा है। लगभग तीन माह पहले मेडिकल कालेज के प्राचार्य द्वारा छात्रों को धमकी दी गयी थी जिसमे उनके द्वारा छात्रों को संस्पेंड करने की बात कही गयी थी,जिसका कारण छात्रों ने बताया था कि जब उनके द्वारा वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में चंदा देने से मना किया गया तो मेडिकल कालेज प्रशासन छात्रों से नाराज हो गया, और छात्रों को संस्पेंड करने की धमकी दी गयी। परेशान एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्रों ने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया था। ततपश्चात जिला प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद छात्रों का विरोध प्रदर्शन शांत हुआ था। उक्त मामले की जांच अभी चल ही रही थी कि सोमवार को प्राचार्य के खिलाफ मेडिकल छात्र एक बार फिर प्रदर्शन पर उतर आए जिसका कारण था कि सौ में से 46 छात्रों को प्रथम वर्ष की परीक्षा देने से वंचित कर देना। मेडिकल कालेज द्वारा 100 छात्रों में से 46 को परीक्षा से वंचित करने की खबर जैसे ही छात्रों को मिली वैसे ही आधा दर्जन से अधिक मेडिकल छात्रों की मानसिक तनाव और भारी अवसाद के चलते तबियत बिगड़ गयी, जिसके बाद उनको आनन फानन में मेडिकल कालेज में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। साथियों को इस हालत में देखते ही सभी छात्रों का गुस्सा भड़क गया।छात्रों ने कॉलेज के प्राचार्य के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। कुछ ही देर में देखते ही देखते प्रदर्शन की ये आग मेडिकल कॉलेज के प्रांगण से बाहर निकल आई और मेडिकल कालेज के छात्रों ने अकबरपुर-टांडा मार्ग पर बैठकर धरना देना शुरू कर दिया। रोड जाम होने की सूचना मिलते ही अपर जिलाधिकारी, अपर पुलिस अधीक्षक वा टांडा एसडीएम मौके पर पहुंचे और छात्रों को समझा-बुझाकर जाम को खाली कराया। मंगलवार की सुबह होते ही एक बार फिर से मेडिकल कॉलेज के प्रांगण में आंदोलित छात्रों ने एकत्रित होना शुरू कर दिया और मेडिकल कॉलेज की ओपीडी पर अपना कब्जा जमा लिया और कॉलेज के प्राचार्य के खिलाफ नारेबाजी करते हुए न्याय की मांग करने लगे इस दौरान मेडिकल कॉलेज की सेवाएं और ओपीडी पूरी तरह ठप रही। फिलहाल देखना होगा कि इस रस्साकशी का अंत जिला प्रशासन वा कालेज प्रशासन जल्द ही निकाल पाएगा या नहीं या फिर मेडिकल कॉलेज में आने वाले मरीजों को इसी तरह आए दिन अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ेगा।