अंबेडकर नगर । बाढ़ की त्रासदी अब देश में नियमित हो गई है। जीवन के लिए जो जल जीवनदाई वरदान हैं, वही अभिशाप साबित हो रहा है। इन आपदाओं पर केंद्र व राज्य सरकारें आपदा प्रबंधन पर अरबों रुपए खर्च करती है। करोड़ों रुपए बतौर मुआवजा देती है,इसके बावजूद भी आदमी है कि आपदा का संकट झेलते रहने को मजबूर बना हुआ है। इस गहन परिस्थिति से निजात पाने के लिए देश में अन्य हित धारकों व ग्रामीणों की सेना तैयार की जा रही है और सभी को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
अवगत कराना है कि मनोज कुमार शर्मा कमांडेंट 11 वीं वाहिनी वाराणसी के मार्गदर्शन में संपूर्ण प्रदेश में क्रमवार मॉक अभ्यास किए जाने के क्रम में सोमवार को टाण्डा तहसील के अंतर्गत महादेवा घाट पर बाढ़ की तैयारी को लेकर घाघरा नदी के तट पर बाढ़ आपदा प्रबंधन को मजबूत बनाने के लिए एन.डी.आर.एफ. व जिला आपदा प्रबंधन व अन्य हित धारकों के संयुक्त तत्वाधान में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। मॉक अभ्यास के दौरान एन.डी.आर.एफ व अन्य हित धारी विभागों को जनपद के ई.ओ.सी.द्वारा सूचना दी गई कि मित्र राष्ट्र नेपाल के ऊपरी क्षेत्र में हुए भारी बारिश के कारण घाघरा नदी तथा उसकी सहायक नालों के जल स्तर में अचानक उफान आ गया, जिसके कारण आसपास के ग्रामीण क्षेत्र जलमग्न हो गया।
जिससे यातायात के सारे साधन पूरी तरह से बाधित हो गए एवं जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया और लोगों में हाहाकार मच गया। यह सूचना प्राप्त होते ही एन.डी.आर.एफ व अन्य हित धारी विभाग हरकत में आ गए। उप कमांडेंट प्रेम कुमार पासवान के मार्गदर्शन और निरीक्षक गोपी गुप्ता के नेतृत्व में एन.डी.आर.एफ. की टीम अपने बचाव कर्ताओं व अत्याधुनिक उपकरणों सहित तत्काल ही घटनास्थल के लिए रवाना हो गई। इस दौरान पुलिस प्रशासन ने एक ग्रीन कोरिडोर बनाया जिससे उत्तरदाई टीम व एंबुलेंस सेवा घटनास्थल पर जल्द से जल्द पहुंच सके।
एनडीआरएफ घटनास्थल पर पहुंचते ही अविलंब ऑपरेशन शुरू कर दिया और बाढ़ से बेहाल और तबाह गांव जहां जलमग्न घरों में भूखे प्यासे लोग बच्चे महिलाएं और मदद के लिए पुकार रहे थे,उनको सुरक्षित बाहर निकाले।तभी यात्रियों से भरी नाव ज्यादा यात्री सवार होने की वजह से कुछ लोग घाघरा नदी में गिर गए,जिसकी सूचना मिलते ही एन.डी.आर.एफ.की टीम के बचाव कर्मी अपनी मोटर बोट के साथ डूबते हुए लोगों के पास पहुंचे और तुरंत कार्रवाई करते हुए बचाव कर्मियों ने विभिन्न बचाव के तरीकों से डूबते हुए लोगों को बचाया और घायल व्यक्तियों को अस्पताल से पूर्व दिए जाने वाला उपचार दिया गया। साथ ही घरेलू संसाधन से बनावटी राफ्ट का इस्तमाल करते हुए अपने आप को बाढ़ के दौरान कैसे सुरक्षित रख सकते है,इसके बारे में पत्यक्षित दिखाया,जिसमे खाली बोटल, मटका, बंबू,थर्माकोल, खाली कैन द्वारा बने राफ्ट का प्रयोग दिखाया गया।
वही अंत में एक व्यक्ति के लापता होने की खबर मिलने पर एन.डी.आर.एफ.के कुशल गोताखोरों के द्वारा पानी के अंदर सर्च किया गया और बाहर निकाला गया। समय रहते सीपीआर दिया गया तथा तत्पश्चात नजदीक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। इस अभ्यास में एन.डी.आर.एफ.के द्वारा ऑपरेशन की स्थापित किया गया,जिसमें मेडिकल पोस्ट, जहां पीड़ितों का प्राथमिक उपचार दिया जा रहा था। स्टेजिंग एरिया, जहां से संसाधनों की आपूर्ति हो रही थी। व्यवस्था में सेटेलाइट फोन,वीडियो सेट किए गए,जिससे सूचनाओं का आदान-प्रदान आसानी से हो सके। अभ्यास का मुख्य उद्देश जिला प्रशासन और आपसी तालमेल को सुदृढ़ बनाना व जन समुदाय को जागरुक करना था। जिससे आने वाले समय में प्रदेश आने वाली बाढ़ जैसी भीषण आपदा में बेहतर प्रबंधन किया जा सके।
यह मॉकड्रिल जिलाधिकारी सैमुअल पॉल एन तथा अपर जिलाधिकारी अशोक कुमार कनौजिया के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। इस दौरान अपर पुलिस उप कमांडेंट प्रेम कुमार पासवान, उप जिलाधिकारी टांडा,क्षेत्राधिकारी टांडा, इनस्पेक्टर गोपी गुप्ता,जिला पूर्ति अधिकारी, जिला आपदा विशेषज्ञ सूर्यभान तथा संबंधित विभाग के अधिकारी /कर्मचारी मौके पर उपस्थित रहे।