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अपात्रों को दिया गया आवासीय पट्टा, शिकायत जिलाधिकारी से

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ayodhya samachar

जलालपुर, अंबेडकर नगर। संपूर्ण समाधान दिवस में जिलाधिकारी से हरिपालपुर ग्राम पंचायत में नियम विरुद्ध आवासीय पट्टा दिए जाने की शिकायत पर हल्का लेखपाल को ही जांच अधिकारी बना दिया गया। जांच अधिकारी लेखपाल ने फर्जी आवासीय पट्टा को निरस्त करने और अन्य आख्या लगाने के बजाय पोर्टल पर एडीएम की अदालत में बाद दायर कर पट्टा निरस्तीकरण की रिपोर्ट लगा दिया। अब सवाल यह है कि पट्टा आवंटित करने वाला लेखपाल शिकायत की जांच कैसे कर सकता है। गांव निवासी अतेंद्र तिवारी ने पिछले शनिवार को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में फर्जी पट्टा की शिकायत की थी। बिदित हो कि  वर्ष भर पहले ग्राम प्रधान और राजस्व विभाग की मिलीभगत से कुल 23 अपात्र व्यक्तियों को आवासीय पट्टा दे दिया गया,इसमें ऐसी भी जमीन है जिस पर दशकों से अवैध अतिक्रमण का मुकदमा विचाराधीन है। पट्टा धारकों के पास पहले से दो तला मकान है, खेती की जमीन है किंतु वे राजस्व विभाग की नजर में आवासीय पट्टा पाने के पात्र है। तहसील से मिली सूची में ऐसे भी नाम है जो दूसरे गांव के निवासी थे,उनके पास पूर्व के गांव में पक्का मकान है किंतु किराए की दुकान चलाने वाले दुकानदार को पट्टा दे दिया गया। जिलाधिकारी से की गई शिकायत में आवासीय पट्टा पाए रामसोच के पास गांव में दो मंजिला का मकान है और मुंबई में व्यवसाय करते हैं। रमेश राजेश सगे भाई है।गांव में मकान और खेती की पर्याप्त जमीन है। शैलेश और धर्मेंद्र अजीत,रंजीत की सड़क के किनारे जमीन बाबा पूर्व प्रधान किंतु राजस्व की नजर में गरीब है। पुष्पा का गांव में और मुख्य सड़क पर बंजर भूमि में व्यवसायिक मकान है अपने पिता की इकलौती बहु है। कैलाश के पास मालीपुर शाहगंज मार्ग पर और गांव की सड़क पर कामर्शियल मकान है। गांव में तीन मंजिला मकान भी है। श्रृंगारी देवी और मिथुन माता पुत्र है मार्ग पर घर है। लाखो रुपए की दुकान, बोलेरो ट्रैक्टर ट्राली समेत अन्य सुख सुविधा संपन्न है, कोलकाता के व्यवसाई है किंतु पट्टे के पात्र हैं। एनटीपीसी में अधिकारी रहे रामकलप के दोनो बेटो को आवासीय पट्टा का लाभ मिल गया। ऐसे ही अन्य पट्टा धारक सूची में सम्मिलित है जो अन्य गांव के निवासी है किंतु किराए की दुकान चलाकर पट्टा के पात्र बन गए। तहसीलदार धर्मेंद्र यादव ने बताया कि पट्टा निरस्तीकरण का बाद दायर करने के बाद ही इसमें कुछ किया जा सकता है।

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